क्या कोरोना ने कर दिया है आँखों को मजबूत ?

 Child Tablet Technology - Free photo on Pixabay

क्या कोरोना ने कर दिया है आँखों को मजबूत ? 

जी  नहीं  मैं  पागल नहीं हु आज कल लोग इतना तक की  शिक्षण संस्थानो का भी यही मानना है 
पहले  कई शैछनिक संस्थानो ने मोबाइल  अथवा  digital स्क्रीन का उपयोग  हानिकारक बताया  था   आज वही शिक्षण संस्थान चाहते है की सभी  बच्चे  दिन मे कम से  कम 5 घंटे  डिजिटल स्क्रीन के सामने बिताए  तो मेरा यहा मानना  कोई आश्चर्य  का विषय नहीं है |

चलिये इस  तरह से सोचते हैं  

सभी   तरह  की  शिक्षा   का ऑनलाइन दि  जा  रही  है  , यहा तक  की छोटे बच्चो  को भी  सिर्फ कुछ मिनटो  के लिए ही नहीं ,पूरे  5 घंटो तक इतना ही नहीं किसी  बच्चे के  मता पिता ने  अगर  कोचिंग  लगवा राखी हो तो  वो भी ऑनलाइन  ।  आजकल  बच्चो  के दिन  का आधे से ज़्यादा  समय  screen  के सामने  ही बीतता  है ।  

इन कथित  ऑनलाइन  कक्षाओ में  किताबी ज्ञान  तो  मिल जाता  है , किंतु  शारीरिक  गतिविधियो पर  तो रोक  ही  लग गयी है  । 
 इस परिस्थिति मे  सिर्फ छोटे  बच्चे  ही नहीं  उनके माता -पिता  और युवा   सभी का  सारा समय या तो मोबाइल 
या तो  कम्प्युटर  , लेप्टोप  , टीवी  screens  के सामने बीतता  है ।  social media  , वर्क  फ़्रोम  होम  ,धारावाहिक  इन्हीं  सब छीजो  मे लोगो का सारा दिन  स्क्रीन  के  सामने  बीत  रहा  है । 

इससे  हो क्या रहा है ? 

यह  एक गंभीर विषय है  , इससे न केवल  आंखो  को नुकसान होता है  बल्कि  बच्चे और भी चिड़चिड़े बनते है 
इससे  बच्चो की शारीरिक  क्षमता  पर भी असर  हो सकता है 
इन  digital  स्क्रीनों  से  ब्लू  कीरने  निकलती  है 
यह कोई रहस्य नहीं है कि नीली रोशनी आंख के रेटिना को नुकसान पहुंचाकर हमारी दृष्टि को नुकसान पहुंचाती है । 
इससे  सरदर्द  से लेकर  migraine जैसी  समस्याए   भी होती हैं 
eye redness due to mobile

हम  क्या  कर सकते है  

अब हम कर ही क्या सकते हैं , माना   युवाओ  के  लिए  ज़्यादा समय तक  ऑनलाइन  क्लास  ज़रूरी है 
और  काहीं   न कहीं   उनकी शारीरिक क्षमता  इसे  handle  कर लेगी  , किंतु  छोटे  बच्चे  जिनकी शारीरिक क्षमता इतनी मजबूत नहीं है  उनके लिए यह मुश्किल  तथा  उनके लिए यहा हानिकारक भी है 


माता - पिता  क्या कर  सकते  हैं ?

1. बच्चो  के खेलने कूदने  को बढ़ावा  देना चाहिए ।
2. पढ़ाई के  अलावा  बाकी स्क्रीन टाइम कम करने  की कोशिश  करनी चाहिए  ।
3. बच्चो  को अपने समय के खेलो से अवगत  करना चाहिए  अथवा  उ8न्के साथ मिलजुलकेर इन खेलो को खेलना चाहिए  । 
4. खान -पान  मे   पौष्टिक  आहार का समावेश  करना चाहिए  ।

शिक्षा  विभाग क्या कर सकता है 

1. ऑनलाइन कक्षाओ का समयकाल  कम  करें 
2. ऑनलाइन होने  वाले  गृह कार्य न दें  अथवा कम दें 
3. ऑनलाइन कक्षाओ मे P.T. अथवा  योगा का भी समावेश करना चाहिए 
4. जरूरी (माध्यमिक) कक्षाओ की ही  ऑनलाइन क्लास लें  । 

सरकार को क्या करना चाहिए 

 सरकार को ऑनलाइन कक्षाओ के हानियो पर गहनता से सोचना चाहिए तथा इसपर उचित कानून बनाना चाहिए 

निस्कर्ष :


लोकडाउन के समय घर पर रहकर पड़ना तो ज़रूरी हैं परंतु  हमे साथ ही आपने सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए 
छोटे बच्चो के लिए पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए की  इस पद्धति से उन्हे कोई नुकसान तो नहीं यदि है तो सेहत या शिक्षा इसमे से  उचित विकल्प चुनना चाहिए । 




Post a Comment

0 Comments