परंतु हमारे दोनों ही पड़ोसी देश गरीबी और महंगाई से बुरी तरह जूझ रहे है ,तो इन देशो को भारत से युद्ध क्यो करना है । असल मे ये दोनों देश चीन के दबाव और उनसे ली गई चुनावी मदत के कारण लाचार है ,जिसमे पाकिस्तान सरकार मे तो पहले से ही चीन का दाखल रहा है , जिसके फलस्वरूप वह पूरी तरह से चीन के cpec वाले जाल मे फस गया है ।
और हम नेपाल की बात करे तो हाल की कम्यूनिस्ट सरकार ने भी पाकिस्तान वाली गलती दोहरा ली है ,और चुनाव मे चाइना की मदत लेली है ।
अब तो हालत ऐसे बान गए है की दोनों देशो मे सरकार नाम मात्र ही बची है बल्कि इन देशो पर चीन का आधिपत्य हो चुका है , जिसका प्रभाव नेपाल की चीनी सरकार के नए मानचित्र द्वारा दिखा है ।
इस नए मानचित्र का भारत ने जोरदार विरोध किया है ।
फिलहाल युद्ध जैसी परिस्थिति से निपटने के लिए भारत मे बैठको का दौर शुरू हो चुका है ,इसके साथ ही वायु सेना के प्रमुख ने भी लेह का गोपनीय दौरा कर हालत का जायज़ा लिया है ।
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